Posts

बड़ा फ़िल्म स्टार कौन ?

 बॉलीवुड, यानि हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री और तमाम प्रादेशिक फ़िल्म इंडस्ट्री में अक्सर सुनने में आता है कि फलां एक्टर सुपर स्टार है। याकि फलां एक्टर की फ़िल्में ज्यादा चलती हैं इसलिये उसे बड़े स्टार की कैटेगरी में माना जाना चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वो क्या मानक हैं जिसके दम पर किसी को बड़ा स्टार, किसी को छोटा स्टार या मझोला स्टार माना जाय ?      फिर देखा तो यह भी गया है कि जो स्टार करोड़ों की मोटी फीस लेते हैं उनकी फ़िल्में उतनी नहीं चलती और सामान्य से एक्टर मसलन विनय पाठक की 'भेजा फ्राय' एकदम से चल पड़ती है। बल्कि उसे दौड़ना कहें तो ठीक होगा क्योंकि 'भेजा फ्राय' की कुल लागत के मुकाबले फ़िल्म ने कई गुना बिजनेस किया था।     इसी तरह का मामला 'ट्रैप' फ़िल्म के साथ भी हुआ था। राजकुमार राव अभिनीत यह फ़िल्म एक शख़्स के निर्माणाधीन इमारत में फंस जाने की कहानी बयां करती है। कम लागत में बनी इस फ़िल्म की शूटिंग के लिये जिस बहुमंजिला इमारत का इस्तेमाल किया गया था उसमें शूटिंग के वक्त लिफ्ट तक की सुविधा नहीं थी और पूरे क्रू को अपना भारी-भरकम सामान ढोकर सीढ़ियाँ चढ़त

हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री में फ्लॉप फ़िल्मों का अजब दौर

इन दिनों हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री लगातार एक के बाद एक फिल्मों के फ्लॉप होने से हिचकोले खा रही है। बात अक्षय कुमार के सम्राट पृथ्वीराज की हो या कंगना के धाकड़ फिल्म की, बच्चन पांडे की बात हो या अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म दोबारा की... एक के बाद एक फ्लॉप होने की लाइन सी लगी है। उधर  शमशेरा और रक्षा-बंधन जैसी फ़िल्में भी नहीं चलीं। इसी दौरान आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा भी लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ी। भले ही उसने विदेशों में अपने स्तर पर कमाई की ओर  रूख  किया हो लेकिन सवाल तो उठता है कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई जो अचानक फ्लॉप फिल्मों का दौर आ गया है।     यदि गंभीरता से इन फ्लॉप फिल्मों के कारण जानना चाहें तो जो कुछ बातें निकल कर आती हैं उनमें एक यही है कि कोरोना काल में दर्शकों ने जमकर  OTT  पर वर्ल्ड क्लास फिल्में देखीं जिनके कारण फिल्मों को देखने और समझने का उनका नजरिया भी बदला। ऐसा नहीं कि ये फिल्में पहले उनकी पहुँच से बाहर थीं....वे फिल्में तो पहले से थीं लेकिन अमूमन हर दस पंद्रह दिनों में एक बार थियेटर की ओर रूख करने वाला वर्ग ऐसी वर्ल्ड क्लास फिल्मों को देखने में उतनी रूचि नहीं दिखाता