बड़ा फ़िल्म स्टार कौन ?
बॉलीवुड, यानि हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री और तमाम प्रादेशिक फ़िल्म इंडस्ट्री में अक्सर सुनने में आता है कि फलां एक्टर सुपर स्टार है। याकि फलां एक्टर की फ़िल्में ज्यादा चलती हैं इसलिये उसे बड़े स्टार की कैटेगरी में माना जाना चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वो क्या मानक हैं जिसके दम पर किसी को बड़ा स्टार, किसी को छोटा स्टार या मझोला स्टार माना जाय ? फिर देखा तो यह भी गया है कि जो स्टार करोड़ों की मोटी फीस लेते हैं उनकी फ़िल्में उतनी नहीं चलती और सामान्य से एक्टर मसलन विनय पाठक की 'भेजा फ्राय' एकदम से चल पड़ती है। बल्कि उसे दौड़ना कहें तो ठीक होगा क्योंकि 'भेजा फ्राय' की कुल लागत के मुकाबले फ़िल्म ने कई गुना बिजनेस किया था। इसी तरह का मामला 'ट्रैप' फ़िल्म के साथ भी हुआ था। राजकुमार राव अभिनीत यह फ़िल्म एक शख़्स के निर्माणाधीन इमारत में फंस जाने की कहानी बयां करती है। कम लागत में बनी इस फ़िल्म की शूटिंग के लिये जिस बहुमंजिला इमारत का इस्तेमाल किया गया था उसमें शूटिंग के वक्त लिफ्ट तक की सुविधा नहीं थी और पूरे क्रू को अपना भारी-भरकम सामान ढोकर सीढ...